30 दिसंबर 2010

नववर्ष 2011


एक लम्बे अर्से के बाद नई पोस्ट लिख राहा हूँ , कुछ समय से जीवन में बडे नाटकीय से घटनाक्रम चल रहे थे । इस कारण थोडा विचलित था । परिस्थतियाँ ही तो हैं जो जीवन बनातीं हैं , हमारे निर्णयों से संचालित होती है । खैर नववर्ष का आगमन हो रहा है , वर्ष २०११ सभी के जीवन में खुशियों , सफ़लता व समृद्धि लाने वाला हो । मैंने भी नऎ साल के लिये कुछ संकल्प लिये हैं ।उन्हें यहाँ सार्वजनिक करना ठीक नहीं है ।
बीता हुआ वक्त हमें क्या सिखा कर जाता है ? शायद कुछ सबक हमें उन से शिक्षा लेनी चाहिये ।
आप अपने जीने के तरीके को बदल सकते हैं , अपने विचारों को अधिक उन्नत बना सकते हैं,
अच्छी प्रेरणादाई पुस्तकें पढने की योजना बना सकते हैं , अपनी बुरी आदतों को छोड्ने का
संकल्प ले सकते हैं । सच मानिये इससे बेहतर तरीका नही हो सकता नववर्ष का स्वागत
करने का ।
जब कभी भी आप अपने आप को असहाय मह्सूस करें , जीवन अकारण प्रतीत होता हो तो
अपने माता पिता की तस्वीर देखें , उनकी आँखों मे आपके प्रति स्नेह , प्रेम के साथ साथ
उम्मीदों की रेखायें भी दिखाई देंगी । यही आँखे आपको जीवन में कुछ कर गुजरने की प्रेरणा
देती हैं ।
जब कभी भी आपका अपने पर से विश्वास हट जाये , उन महान लोगों की जीवनी पढें जिन्होंने
अभावों में रह कर भी सफ़लता प्राप्त की और इस संसार को बहुत कुछ दिया । आप शुरूआत
महात्मा गांधी व रामप्रसाद बिस्मिल की जीवनी से कर सकते हैं । व्यक्तिगत जीवन में मेरे दादा जी मेरी प्रेरणा के’ स्त्रोत रहे हैं उनके अलावा मुझे भगत सिंह ,स्टीफ़न हौकिंग्स , अब्दुल कलाम के
जीवन भी प्रेरणा मिली ।
जब आप पायें कि जीवन अत्यंत जटिल हो गया है , आप व्यस्तता के बुखार से ग्रसित हो रहे हैं
तब आप उनके साथ कुछ वक्त गुजारें जिनसे आप प्यार करते हैं, ये वाकई आपको तरोताज़ा कर
देगा ।
जब आप पायें कि परिस्थितियाँ अब आपके नियंत्रण में नहीं हैं, तब समय निकाल कर मंदिर
जायें , अपने आपको अपनी समस्त परेशानियों समेत भगवान के आगे समर्पित कर दें और
भरोसा रखें कि सब कुछ अच्छा हो जाएगा ।

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